26-01-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति 15.12.2003 "बापदादा" मधुबन
“प्रत्यक्षता के लिए
साधारणता को अलौकिकता में परिवर्तन कर दर्शनीय मूर्त बनो''
वरदान:-
साइलेन्स की
शक्ति द्वारा विश्व में प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजाने वाले शान्त स्वरूप भव
गाया हुआ है “साइंस
के ऊपर साइलेन्स की जीत,'' न कि वाणी की। जितना समय व सम्पूर्णता समीप आती जायेगी
उतना आटोमेटिक आवाज में अधिक आने से वैराग्य आता जायेगा। जैसे अभी चाहते हुए भी आदत
आवाज में ले आती है वैसे चाहते हुए भी आवाज से परे हो जायेंगे। प्रोग्राम बनाकर
आवाज में आयेंगे। जब यह चेंज दिखाई दे तब समझो अब विजय का नगाड़ा बजने वाला है। इसके
लिए जितना समय मिले - शान्त स्वरूप स्थिति में रहने के अभ्यासी बनो।
स्लोगन:-
ज़ीरों बाप के साथ रहने वाले ही हीरो पार्टधारी हैं।
अपनी शक्तिशाली मन्सा
द्वारा सकाश देने की सेवा करो
वर्तमान समय विश्व
कल्याण करने का सहज साधन अपने श्रेष्ठ संकल्पों की एकाग्रता द्वारा, सर्व आत्माओं
की भटकती हुई बुद्धि को एकाग्र करना है। सारे विश्व की सर्व आत्मायें विशेष यही
चाहना रखती हैं कि भटकी हुई बुद्धि एकाग्र हो जाए वा मन चंचलता से एकाग्र हो जाए।
यह विश्व की मांग वा चाहना तब पूरी कर सकेंगे जब एकाग्र होकर मन्सा शक्तियों का दान
देंगे।