26-07-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - यह अनादि
ड्रामा फिरता ही रहता है, टिक-टिक होती रहती है, इसमें एक का पार्ट न मिले दूसरे
से, इसे यथार्थ समझकर सदा हर्षित रहना है''
प्रश्नः-
किस युक्ति से
तुम सिद्ध कर बता सकते हो कि भगवान् आ चुका है?
उत्तर:-
किसी को सीधा
नहीं कहना है कि भगवान् आया हुआ है, ऐसा कहेंगे तो लोग हँसी उड़ायेंगे, टीका करेंगे
क्योंकि आजकल अपने को भगवान् कहलाने वाले बहुत हैं इसलिए तुम युक्ति से पहले दो बाप
का परिचय दो। एक हद का, दूसरा बेहद का बाप। हद के बाप से हद का वर्सा मिलता है, अब
बेहद का बाप बेहद का वर्सा देते हैं, तो समझ जायेंगे।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) इस समय ही बाप समान परफेक्ट बन पूरा वर्सा लेना है। बाप की सब
शिक्षाओं को स्वयं में धारण कर उनके समान ज्ञान का सागर, शान्ति-सुख का सागर बनना
है।
2) बुद्धि को पारस बनाने के लिए पढ़ाई पर पूरा-पूरा ध्यान देना है। निश्चयबुद्धि
बन मनुष्य से देवता बनने का इम्त-हान पास करना है।
वरदान:-
निश्चित विजय
के नशे में रह बाप की पदमगुणा मदद प्राप्त करने वाले मायाजीत भव
बाप की पदमगुणा मदद के
पात्र बच्चे माया के वार को चैलेन्ज करते हैं कि आपका काम है आना और हमारा काम है
विजय प्राप्त करना। वे माया के शेर रूप को चींटी समझते हैं क्योंकि जानते हैं कि यह
माया का राज्य अब समाप्त होना है, हम अनेक बार के विजयी आत्माओं की विजय 100
परसेन्ट निश्चित है। यह निश्चित का नशा बाप की पदमगुणा मदद का अधिकार प्राप्त कराता
है। इस नशे से सहज ही मायाजीत बन जाते हो।
स्लोगन:-
संकल्प
शक्ति को जमा कर स्व प्रति वा विश्व प्रति इसका प्रयोग करो।