28-03-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - तुम बहुत लकी हो क्योंकि तुम्हें बाप की याद के सिवाए और कोई फिकरात नहीं, इस बाप को तो फिर भी बहुत ख्यालात चलते हैं''

प्रश्नः-
बाप के पास जो सपूत बच्चे हैं, उनकी निशानी क्या होगी?

उत्तर:-
वे सभी का बुद्धियोग एक बाप से जुड़ाते रहेंगे, सर्विसएबुल होंगे। अच्छी रीति पढ़कर औरों को पढ़ायेंगे। बाप की दिल पर चढ़े हुए होंगे। ऐसे सपूत बच्चे ही बाप का नाम बाला करते हैं। जो पूरा पढ़ते नहीं वह औरों को भी खराब करते हैं। यह भी ड्रामा में नूँध है।

गीत:-
ले लो दुआयें माँ-बाप की........

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) झरमुई झगमुई (परचिंतन) के वार्तालाप से वातावरण खराब नहीं करना है। एकान्त में बैठ सच्चे-सच्चे आशिक बन अपने माशूक को याद करना है।

2) अपने आप से प्रतिज्ञा करनी है कि कभी भी रोयेंगे नहीं। आंखों से आंसू नहीं बहायेंगे। जो सर्विसएबुल, बाप की दिल पर चढ़े हुए हैं उनका ही संग करना है। अपना रजिस्टर बहुत अच्छा रखना है।

वरदान:-
पावरफुल वृत्ति द्वारा मन्सा सेवा करने वाले विश्व कल्याणकारी भव

विश्व की तडपती हुई आत्माओं को रास्ता बताने के लिए साक्षात बाप समान लाइट हाउस, माइट हाउस बनो। लक्ष्य रखो कि हर आत्मा को कुछ न कुछ देना है। चाहे मुक्ति दो चाहे जीवनमुक्ति। सर्व के प्रति महादानी और वरदानी बनो। अभी अपने-अपने स्थान की सेवा तो करते हो लेकिन एक स्थान पर रहते मन्सा शक्ति द्वारा वायुमण्डल, वायब्रेशन द्वारा विश्व सेवा करो। ऐसी पावरफुल वृत्ति बनाओ जिससे वायुमण्डल बने - तब कहेंगे विश्व कल्याणकारी आत्मा।

स्लोगन:-
अशरीरी पन की एक्सरसाइज और व्यर्थ संकल्प रूपी भोजन की परहेज से स्वयं को तन्दरूस्त बनाओ।

अव्यक्त इशारे - सत्यता और सभ्यता रूपी क्लचर को अपनाओ

अब अपने भाषणों की रूपरेखा नई करो। विश्व शान्ति के भाषण तो बहुत कर लिए लेकिन आध्यात्मिक ज्ञान वा शक्ति क्या है और इसका सोर्स कौन है! इस सत्यता को सभ्यतापूर्वक सिद्ध करो। सभी समझें कि यह भगवान का कार्य चल रहा है। मातायें बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं - समय प्रमाण यह भी धरनी बनानी पड़ी लेकिन जैसे फादर शोज़ सन है, ऐसे सन शोज़ फादर हो तब प्रत्यक्षता का झण्डा लहरायेगा।