28-07-2024     प्रात:मुरली  ओम् शान्ति 31.12.20 "बापदादा"    मधुबन


“बचत का खाता जमा कर अखण्ड महादानी बनो''


वरदान:-
प्राप्ति स्वरूप बन क्यों, क्या के प्रश्नों से पार रहने वाले सदा प्रसन्नचित भव

जो प्राप्ति स्वरूप सम्पन्न आत्मायें हैं उन्हें कभी भी किसी भी बात में प्रश्न नहीं होगा। उसके चेहरे और चलन में प्रसन्नता की पर्सनैलिटी दिखाई देगी, इसको ही सन्तुष्टता कहते हैं। प्रसन्नता अगर कम होती है तो उसका कारण है प्राप्ति कम और प्राप्ति कम का कारण है कोई न कोई इच्छा। बहुत सूक्ष्म इच्छायें अप्राप्ति के तरफ खींच लेती हैं, इसलिए अल्पकाल की इच्छाओं को छोड़ प्राप्ति स्वरूप बनो तो सदा प्रसन्नचित रहेंगे।

स्लोगन:-
परमात्म प्यार में लवलीन रहो तो माया की आकर्षण समाप्त हो जायेगी।