28-10-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठेबच्चे - तुम्हें संगम
पर सेवा करके गायन लायक बनना है फिर भविष्य में पुरुषोत्तम बनने से तुम पूजा लायक
बन जायेंगे''
प्रश्नः-
कौन सी बीमारी
जड़ से समाप्त हो तब बाप की दिल पर चढ़ेंगे?
उत्तर:-
1. देह-अभिमान
की बीमारी। इसी देह-अभिमान के कारण सभी विकारों ने महारोगी बनाया है। यह देह-अभिमान
समाप्त हो जाए तो तुम बाप की दिल पर चढ़ो। 2. दिल पर चढ़ना है तो विशाल बुद्धि बनो,
ज्ञान चिता पर बैठो। रूहानी सेवा में लग जाओ और वाणी चलाने के साथ-साथ बाप को अच्छी
रीति याद करो।
गीत:-
जाग सजनियां
जाग........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) समझदार बन माया के तूफानों से कभी हार नहीं खाना है। आंखें धोखा देती
हैं इसलिए अपनी सम्भाल करनी है। कोई भी विकारी बातें इन कानों से नहीं सुननी हैं।
2) अपनी दिल से पूछना है कि हम कितनों को आपसमान बनाते हैं? मास्टर पतित-पावनी
बन सबको पावन (राज़-राज़ेश्वर) बनाने की सेवा कर रहे हैं? हमारे में कोई अवगुण तो
नहीं है? दैवीगुण कहाँ तक धारण किये हैं?
वरदान:-
हर संकल्प वा
कर्म को श्रेष्ठ और सफल बनाने वाले ज्ञान स्वरूप समझदार भव
जो ज्ञान स्वरूप, समझदार
बनकर कोई भी संकल्प वा कर्म करते हैं, वे सफलता मूर्त बनते हैं। इसी का यादगार भक्ति
मार्ग में कार्य प्रारम्भ करते समय स्वास्तिका निकालते हैं वा गणेश को नमन करते
हैं। यह स्वास्तिका, स्व स्थिति में स्थित होने और गणेश नॉलेजफुल स्थिति का सूचक
है। आप बच्चे जब स्वयं नॉलेजफुल बन हर संकल्प वा कर्म करते हो तो सहज सफलता का
अनुभव होता है।
स्लोगन:-
ब्राह्मण जीवन की विशेषता है खुशी, इसलिए खुशी का दान करते चलो।
अव्यक्त इशारे -
स्वयं और सर्व के प्रति मन्सा द्वारा योग की शक्तियों का प्रयोग करो
जैसे कोई भी
साइन्स के साधन को यूज़ करेंगे तो पहले चेक करेंगे कि लाइट है या नहीं है। ऐसे जब
योग का, शक्तियों का, गुणों का प्रयोग करते हो तो पहले ये चेक करो कि मूल आधार
आत्मिक शक्ति, परमात्म शक्ति वा लाइट (हल्की) स्थिति है? अगर स्थिति और स्वरूप डबल
लाइट है तो प्रयोग की सफलता बहुत सहज पा सकते हो।