29-10-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठेबच्चे - तुम्हें एक-एक को परिस्तानी बनाना है, तुम हो सबका कल्याण करने वाले, तुम्हारा कर्तव्य है गरीबों को साहूकार बनाना''

प्रश्नः-
बाप का कौन-सा नाम भल साधारण है लेकिन कर्तव्य बहुत महान है?

उत्तर:-
बाबा को कहते हैं बागवान-खिवैया। यह नाम कितना साधारण है लेकिन डूबने वाले को पार ले जाना, यह कितना महान कर्तव्य है। जैसे तैरने वाले तैराक एक-दो को हाथ में हाथ दे पार ले जाते हैं, ऐसे बाप का हाथ मिलने से तुम स्वर्गवासी बन जाते हो। अभी तुम भी मास्टर खिवैया हो। तुम हरेक की नईया को पार लगाने का रास्ता बताते हो।

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) नर से नारायण बनने के लिए रोज़ सत्य बाप से सुनना है। सतसंग करना है। कभी मन्सा-वाचा-कर्मणा किसी को दु:ख नहीं देना है।

2) विजय माला का दाना बनने वा पास विद् ऑनर होने के लिए याद की रफ्तार तेज करनी है। मास्टर पतित-पावन बन सबको पावन बनाने की सेवा करनी है।

वरदान:-
परमात्म याद की गोद में समाने वाले संगम-युगी श्रेष्ठ भाग्यवान आत्मा भव

संगमयुग सतयुगी स्वर्ग से भी श्रेष्ठ है क्योंकि अभी का गायन है अप्राप्त नहीं कोई वस्तु ब्राह्मणों के संसार में। एक बाप मिला तो सब कुछ मिला। अभी आप बच्चे कभी अतीन्द्रय सुख के झूले में झूलते हो, कभी खुशी, कभी शान्ति, कभी ज्ञान, कभी आनंद और कभी परमात्म गोदी के झूले में झूलते। परमात्म गोदी है - याद की लवलीन अवस्था। यह गोद सेकेण्ड में अनेक जन्मों के दुख-दर्द भुला देती है। तो इस श्रेष्ठ संस्कार को सदा स्मृति में रख भाग्यवान आत्मा बनो।

स्लोगन:-
ऐसा सपूत बनो जो बाबा आपके गीत गाये और आप बाबा के गीत गाओ।


अव्यक्त इशारे - स्वयं और सर्व के प्रति मन्सा द्वारा योग की शक्तियों का प्रयोग करो

पहले स्वयं पर योग के प्रयोग करके देखो। हर मास वा हर 15 दिन के लिये कोई न कोई विशेष गुण वा कोई न कोई विशेष शक्ति का स्व प्रति प्रयोग करके देखो क्योंकि संगठन में वा सम्बन्ध-सम्पर्क में पेपर तो आते ही हैं, तो पहले अपने ऊपर प्रयोग करके चेक करो, कोई भी पेपर आया तो किस गुण वा शक्ति का प्रयोग करने से कितने समय में सफलता मिली? जब स्व के प्रति सफल होंगे तब औरों के प्रति भी प्रयोग करने का उमंग-उत्साह स्वत: ही बढ़ता जायेगा।