29-12-2024     प्रात:मुरली  ओम् शान्ति 31.12.2002 "बापदादा"    मधुबन


इस नये वर्ष में सर्व खजाने सफल कर सफलतामूर्त बनने की विशेषता दिखाओ


वरदान:-
स्मृति को अनुभव की स्थिति में स्थित करने वाले नम्बरवन विशेष आत्मा भव

सभी ब्राह्मण आत्माओं के अन्दर संकल्प रहता है कि हम विशेष आत्मा नम्बरवन बनें लेकिन संकल्प और कर्म के अन्तर को समाप्त करने के लिए स्मृति को अनुभव में लाना है। जैसे सुनना, जानना याद रहता है ऐसे स्वयं को उस अनुभव की स्थिति में लाना है इसके लिए स्वयं के और समय के महत्व को जान मन और बुद्धि को किसी भी अनुभव की सीट पर सेट कर लो तो नम्बरवन विशेष आत्मा बन जायेंगे।

स्लोगन:-
बुराई की रीस को छोड़ अच्छाई की रेस करो।