30-07-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - दु:ख हर्ता
सुख कर्ता एक बाप है, वही तुम्हारे सब दु:ख दूर करते हैं, मनुष्य किसी के दु:ख दूर
कर नहीं सकते''
प्रश्नः-
विश्व में
अशान्ति का कारण क्या है? शान्ति स्थापन कैसे होगी?
उत्तर:-
विश्व में
अशान्ति का कारण है अनेकानेक धर्म। कलियुग के अन्त में जब अनेकता है, तब अशान्ति
है। बाप आकर एक सत धर्म की स्थापना करते हैं। वहाँ शान्ति हो जाती है। तुम समझ सकते
हो कि इन लक्ष्मी-नारा-यण के राज्य में शान्ति थी। पवित्र धर्म, पवित्र कर्म था।
कल्याणकारी बाप फिर से वह नई दुनिया बना रहे हैं। उसमें अशान्ति का नाम नहीं।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) राजयोग की पढ़ाई सोर्स ऑफ इनकम है क्योंकि इससे ही हम राजाओं का राजा
बनते हैं। यह रूहानी पढ़ाई रोज़ पढ़नी और पढ़ानी है।
2) सदा नशा रहे कि हम ब्राह्मण सच्चे मुख वंशावली हैं, हम कलियुगी रात से निकल
दिन में आये हैं, यह है कल्याणकारी पुरूषोत्तम युग, इसमें अपना और सर्व का कल्याण
करना है।
वरदान:-
हर श्रेष्ठ
संकल्प को कर्म में लाने वाले मास्टर सर्वशक्तिमान भव
मास्टर सर्वशक्तिमान माना
संकल्प और कर्म समान हो। अगर संकल्प बहुत श्रेष्ठ हो और कर्म संकल्प प्रमाण न हो तो
मास्टर सर्वशक्तिमान नहीं कहेंगे। तो चेक करो जो श्रेष्ठ संकल्प करते हैं वो कर्म
तक आते हैं या नहीं। मास्टर सर्वशक्तिमान की निशानी है कि जो शक्ति जिस समय आवश्यक
हो वो शक्ति कार्य में आये। स्थूल और सूक्ष्म सब शक्तियां इतना कन्ट्रोल में हो जो
जिस समय जिस शक्ति की आवश्यकता हो उसे काम में लगा सकें।
स्लोगन:-
ज्ञानी
तू आत्मा बच्चों में क्रोध है तो इससे बाप के नाम की ग्लानी होती है।