30-09-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - बाप आये हैं सबके दु:ख हर कर सुख देने, इसलिए तुम दु:ख हर्ता के बच्चे किसी को भी दु:ख मत दो''

प्रश्नः-
ऊंच पद पाने वाले बच्चों की मुख्य निशानी क्या होगी?

उत्तर:-
1- वे सदा श्रीमत पर चलते रहेंगे। 2- कभी हठ नहीं करेंगे। 3- अपने को आपेही राजतिलक देने के लिए पढ़ाई पढ़कर गैलप करेंगे। 4- अपने को कभी घाटा नहीं डालेंगे। 5- सर्व प्रति रहमदिल और कल्याणकारी बनेंगे। उन्हें सर्विस का बहुत शौक होगा। 6- कोई भी तुच्छ काम नहीं करेंगे। लड़ेंगे-झगड़ेंगे नहीं।

गीत:-
तूने रात गंवायी सो के........

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) संगम पर बहुत सिम्पुल साधारण रहना है क्योंकि यह वनवाह में रहने का समय है। यहाँ कोई भी आश नहीं रखनी है। कभी अपने हाथ में लॉ नहीं लेना है। लड़ना-झगड़ना नहीं है।

2) विनाश के पहले नई राजधानी स्थापन करने के लिए सबको बाप का पैगाम देना है कि बाप कहते हैं मुझे याद करो तो विकर्म विनाश हों और तुम पावन बनो।

वरदान:-
सन्तुष्टता की विशेषता द्वारा सेवा में सफलतामूर्त बनने वाले सन्तुष्टमणी भव

सेवा का विशेष गुण सन्तुष्टता है। यदि नाम सेवा हो और स्वयं भी डिस्टर्ब हो व दूसरों को भी डिस्टर्ब करे तो ऐसी सेवा न करना अच्छा है। जहाँ स्वयं के प्रति वा सम्पर्क वालों से सन्तुष्टता नहीं वह सेवा न स्वयं को फल की प्राप्ति कराती है न दूसरों को, इसलिए पहले एकान्तवासी बन स्व परिवर्तन द्वारा सन्तुष्टमणी का वरदान प्राप्त कर फिर सेवा में आओ तब सफलतामूर्त बनेंगे।

स्लोगन:-
विघ्नों रूपी पत्थर को तोड़ने में समय न गंवाकर उसे हाई जम्प देकर पार करो।

अव्यक्त इशारे - अब लगन की अग्नि को प्रज्वलित कर योग को ज्वाला रूप बनाओ

ज्वाला स्वरूप याद के लिए मन और बुद्धि दोनों को एक तो पावरफुल ब्रेक चाहिए और मोड़ने की भी शक्ति चाहिए। इससे बुद्धि की शक्ति वा कोई भी एनर्जी वेस्ट ना होकर जमा होती जायेगी। जितनी जमा होगी उतना ही परखने की, निर्णय करने की शक्ति बढ़ेगी। इसके लिए अब संकल्पों का बिस्तर बन्द करते चलो अर्थात् समेटने की शक्ति धारण करो।