31-10-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठेबच्चे - तुम हो स्प्रीचुअल, रूहानी इनकागनीटो सैलवेशन आर्मी, तुम्हें सारी दुनिया को सैलवेज करना है, डूबे हुए बेडे को पार लगाना है“

प्रश्नः-
संगम पर बाप कौन-सी युनिवर्सिटी खोलते हैं जो सारे कल्प में नहीं होती?

उत्तर:-
राजाई प्राप्त करने के लिए पढ़ने की गॉड फादरली युनिवर्सिटी वा कॉलेज संगम पर बाप ही खोलते हैं। ऐसी युनिवर्सिटी सारे कल्प में नहीं होती। इस युनिवर्सिटी में पढ़ाई पढ़कर तुम डबल सिरताज राजाओं का राजा बनते हो।

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) रूहानी सैलवेशन आर्मी बन स्वयं को और सर्व को सही रास्ता बताना है। सारी दुनिया को विषय सागर से सैलवेज़ करने के लिए बाप का पूरा-पूरा मददगार बनना है।

2) ज्ञान-योग से पवित्र बन आत्मा का श्रृंगार करना है, शरीरों का नहीं। आत्मा के पवित्र बनने से शरीर का श्रृंगार स्वत: हो जायेगा।

वरदान:-
किनारा करने के बजाए हर पल बाप का सहारा अनुभव करने वाले निश्चय बुद्धि विजयी भव

विजयी भव की वरदानी आत्मा हर पल स्वयं को सहारे के नीचे अनुभव करती है। उनके मन में संकल्पमात्र भी बेसहारे वा अकेलेपन का अनुभव नहीं होता। कभी उदासी या अल्पकाल के हद का वैराग्य नहीं आता। वे कभी किसी कार्य से, समस्या से, व्यक्ति से किनारा नहीं करते लेकिन हर कर्म करते हुए, सामना करते हुए, सहयोगी बनते हुए बेहद की वैराग्य वृत्ति में रहते हैं।

स्लोगन:-
एक बाप की कम्पन्नी में रहो और बाप को ही अपना कम्पैनियन बनाओ।


अव्यक्त इशारे - स्वयं और सर्व के प्रति मन्सा द्वारा योग की शक्तियों का प्रयोग करो

दिव्य-बुद्धि रूपी विमान द्वारा सबसे ऊंची चोटी की स्थिति में स्थित हो, अव्यक्त वतनवासी बन विश्व की सर्व आत्माओं के प्रति शुभ भावना और श्रेष्ठ कामना के सहयोग की लहर फैलाओ। योग के प्रयोग द्वारा दु:खी-अशान्त आत्माओं को शान्ति और शक्ति की सकाश दो।