22-12-2024     प्रात:मुरली  ओम् शान्ति 17.03.2003 "बापदादा"    मधुबन


“सदा अपने स्वमान में रहना, सम्मान देना, सबका सहयोगी बनना और समर्थ बनाना''


वरदान:-
स्वमान की सीट पर सेट हो हर परिस्थिति को पार करने वाले सदा विजयी भव

सदा अपने इस स्वमान की सीट पर स्थित रहो कि मैं विजयी रत्न हूँ, मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ - तो जैसी सीट होती है वैसे लक्षण आते हैं। कोई भी परिस्थिति सामने आये तो सेकण्ड में अपने इस सीट पर सेट हो जाओ। सीट वाले का ही ऑर्डर माना जाता है। सीट पर रहो तो विजयी बन जायेंगे। संगमयुग है ही सदा विजयी बनने का युग, यह युग को वरदान है, तो वरदानी बन विजयी बनो।

स्लोगन:-
सर्व आसक्तियों पर विजय प्राप्त करने वाले शिव शक्ति पाण्डव सेना हैं।